Sunday 12 July 2015

Circumstances over Luck

ये नाम अपने आप में ही बहुत कुछ कहता है, अगर ये १००% आपके साथ है तो आपको खाक से उठाकर फलक पर बैठा देगा |लेकिन अगर इसने साथ छोड़ दी फलक से कब खाक में मिल जायेंगे पता ही नहीं चलेगा|
लेकिन सबसे महत्वापूर्ण बात तो ये है की ये कब साथ देती है और कब नहीं|कुछ महँ हस्तियों का मानना है की यदि आप 70%  मेहनत और लगन से कम करते  है तो 30% luck आपके साथ होती है | ऐसा होता भी है लेकिन एक ऐसी चीज है जो इस तथ्य को बदलने पर मजबूर कर देती है, और वो है परिस्थिति| अगर परिस्थिति आपके अनुकूल है ,तो बात फिर किस्मत की आ जाती है, जो साथ देती है और नहीं भी |अगर किस्मत साथ दे गयी तो बात बन जाती है,काम हो जाता हैऔर जैसा आप चाहते है वह हो जाता है| लेकिन कभी -२ परिस्थिति अनुकूल होने के बावजूद भी किस्मत साथ नहीं देती है,और इस अवस्था में किस्मत परिस्थिति पर भरी पड़ जाती है |
    आब थोडा इधर भी ध्यान देते है जहाँ परिस्थितिया प्रतिकूल है और किस्मत अनुकूल है,और इस तथ्य के बहुत सरे उदहारण है,और ये उदहारण किसी परिचय के मोहताज नहीं है,क्यों की इस तथ्य के अंतर्गत आने वाले रातो रात लखपति करोडपति बन जाते है  और न्यूज़ चैनलों और अखबार के माध्यम से सुबह सुबह ही गरमा गरम चाय के साथ ,गरमा गरम न्यूज़ हम सबके सामने होता है जो आज के टीवी के अनेक कार्यक्रम के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है जैसे KBC,Entertainment ke liye kuchh bhi karega and so on.  जिसके through एक slums ,करोडपति बन जाता है| खैर ये तो किस्मत वालो की बात हुयी जहाँ उनकी थोड़ी बहुत मेहनत और किस्मत एक साथ मिलकर सब कुछ बदल कर रख देते है|
  लेकिन अब बात आती है जहाँ दोनों प्रतिकूल हो |आप चाहे जितना भी मेहनत कर लो कुछ नहीं होने वाला |
मतलब ये है की आप अपने स्तर तक नहीं पहुच पाते है |



अभी तक तो किस्मत परिस्थितियो पर हमेशा भरी रही है,लेकिन क्या कभी ऐसा भी हुआ है की किस्मत आपके साथ हो बावजूद उसके परिस्थितिया भारी पड़ी हो | जी हाँ ,इसे एक उदहारण के माध्यम से प्रस्तुत करना चाहूँगा |एक बहुत ही होनहार छात्र था जो हमेशा अवळ रहता था ,इतना तक की दसवी में पुरे स्कूल में अवळ आया था ,उसे scholresheep भी मिली ,उसने science से स्नातक और M .sc भी किया और किस्मत भी उसके साथ थी ,इसी बीच उसका selection स्टेट पुलिस में हो गया ,ये तो किस्मत थी जो उसका साथ दे रही थी |लेकिन उसे वह  नहीं मिला जो वो deserve  करता  था क्यों की परिस्थितियो को देखते हुए उसे ये कदम उठाना पड़ा| मै ये नहीं कहता की स्टेट पुलिस का पोस्ट बुरा है या इसमें इज्जत नहीं है ?इसमें वो सबकुछ है जिसके through वो अपने परिवार के साथ भी रह सकता है और समाज में अपनी एक छाप छोड़ सकता है ,लेकिन उसके अध्ययन और लगन के तुलना में कम था ...
खैर ये सब बाते तो किस्मत और परिस्थितियो की रही कुछ चीजे ऐसी भी है जो इन सबसे परे है |
आम आदमी  को हमेशा अपने परिवार और समाज की चिंता रहती है और इसका निर्वहन करते वक्त हमें किस्मत और परिस्थितियो से हमेशा जूझना पड़ता है ,और पड़ेगा भी ..लेकिन जो लोग इन सबसे ऊपर उठ जाते है वो अपना किस्मत और परिस्थितिया खुद तैयार करते है ,एक ऐसे ही परिचित है जो B.Tech ,M.Tech 
IIT से करने के बाद मुम्बई में एक कंपनी में M.D के पोस्ट पे कार्य कर रहे थे और उन्होंने  15  साल तक कंपनी की सेवा की  और इसी बीच उनके माता पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया |वो शादी भी नहीं किये क्यों की उनको शादी में विश्वास नहीं है...खैर ये भी उनकी अपनी मर्जी ...
एक दिन भागवत पढ़ते हुए उन्हें महसूस हुआ की अब भगवन की पूजा की जाए , लेकिन जीवन यापन करने के लिए पैसो की जरुरत होती  है जो उनके पास थी (रोटी ,कपड़ा  और मकान ),तो उन्होंने जॉब छोड़ दिया और आब पूरे भारत में घूम घूम कर भागवत का पाठ करते है किस्मत के तो बड़े धनी है और और उन्होंने अपनी किस्मत खुद ही तैयार की है ,ऐसे बहुत उदहारण है 
लेकिन हमें तो मेहनत भी करना है और थोडा किस्मत का भी साथ चाहिए ,क्यों है ना ------------
आप अपने विचार से हमें अवगत कराये |
                                                             धन्यबाद!     

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