Monday 27 June 2011

जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को|

जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को,
सुविधाओ की बात न सोचे, भूले सभी थकन को |
धन साधन से नहीं किसी की हो पाती पहचान है,
पद प्रभाव के कारन कोई बनता नहीं महान है,
त्याग सभी कुछ लग जाते जो परमेश्वर के काम में,
                                                  भुला न पता है युग ऐसे पथिको की पहचान को |
                                                  जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को |
श्रद्धा और समर्पण में अभिवृद्धि सदा दिन-रात हो,
कड़ी धूप हो, अन्धकार हो, या भीर झंझावत हो,
इनसे ही साधारण वानर बन बैठा बजरंग था,
                                                  युग बीते पर भुला न पाई दुनिया उस हनुमान को |
                                                  जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को |
अति विशाल है कार्य, अत: हम क्षण भर नहीं अधीर हों,
मन में हो उत्साह निरंतर,चाहे थके शारीर हों,
बस इतना सोचें हम चिंतन, मनोयोग,पुरुषार्थ से,
                                                   सफल हो सके भर पाने में कितनी उच्च उड़ान को |
                                                  जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को |
जो कर गुजरे उसका हमको तनिक नहीं अभिमान हों,
महत शक्ति से जुड़कर हमको श्रेय मिला, यह ध्यान हो,
स्वयं न पिछड़े, न ही पिछड़ने दें उनको, जो साथ हैं,
                                                    गुरु की अनुकम्पा माने हर अभिनन्दन-सम्मान को |
                                                    जन्म शताब्दी वर्ष आ गया, त्यागे हम अभिमान को |

Tuesday 14 June 2011

Meri Aankho me mohabbt ki chamak aaj bhi hai,
Hala ki use mere pyar par shak aaj bhi hai,
Naaw me bhaith kar dhoye the usane hath kabhi,
Pure talab me mehandi ki mahak aaj bhi hai...

Thursday 2 June 2011

कोई हाथ भी न मिलायेगा जो मिलोगे गले तपाक से, यह नये मिजाज का शहर है जरा फासिले से मिला करो।